नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर भारतीय सेना और सामाजिक मुद्दों को लेकर अक्सर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं. सोशल मीडिया पर भी वह अक्सर सामाजिक मुद्दों को लेकर भी अपनी आवाज उठाते रहते हैं. कश्मीर में हो रही पत्थरबाजी की घटनाओं से गौतम गंभीर खासे नाराज हैं. वह सेना के जवानों पर पत्थर बरसाने वालों की वकालत करने वाले लोगों और नेताओं पर भी भड़के. बता दें कि गौतम सिर्फ सामाजिक और देश से जुड़े गंभीर मुद्दों पर अपनी राय ही नहीं रखते हैं, बल्कि समाज के लिए कई पहल भी करते हैं. गौतम भारतीय सेना के लिए अपनी राय नहीं देते बल्कि शहीद जवानों के बच्चों के लिए भी वह काफी काम कर रहे हैं. गौतम गंभीर अबतक कई शहीद जवानों के परिवार और उनके बच्चों की मदद कर चुके हैं.
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के नौहट्टा में सुरक्षा बलों की गाड़ियों पर भीड़ ने बुरी तरह से पत्थरबाजी की. सुरक्षा बलों के पास अपनी जान बचाने के लिए गाड़ी भगाने के अलावा कोई रास्ता नहीं था. ऐसे में सुरक्षा बलों की गाड़ी की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई. इस मामले की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई.
दरअसल, श्रीनगर के नौहट्टा में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष के दौरान दो युवक कथित रूप से सीआरपीएफ की गाड़ी की चपेट में आए गए थे. दोनों को सौरा के एसकेआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां कैसर भट नाम के युवक ने दम तोड़ दिया था. युवक की मौत के बाद से इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया. सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं.
ऐसे में गौतम गंभीर ने सुरक्षा बलों का पक्ष लेते हुए पत्थरबाजों की जमकर आलोचना की है. इसके साथ ही उन्होंने पत्थरबाजों या आतंकियों से कमरे में बैठकर बात करने वाले राजनेताओं को भी आड़े हाथों लिया है.
गौतम गंभीर ने इस घटना का एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो को शेयर करते हुए गौतम ने लिखा- 'मैं बहुत दुखी हूं. हैरान हूं अगर भारत अब भी यही सोचता है कि पत्थरबाजों से कमरे में बैठकर बातचीत की जा सकती है. छोड़िए ये बातें और असलियत देखिए, राजनेताओं को चाहिए कि वे सुरक्षाबलों को मौके दें ताकि सीआरपीएफ उन्हें रिजल्ट दिखाए.'
Source:-ZEENEWS
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के नौहट्टा में सुरक्षा बलों की गाड़ियों पर भीड़ ने बुरी तरह से पत्थरबाजी की. सुरक्षा बलों के पास अपनी जान बचाने के लिए गाड़ी भगाने के अलावा कोई रास्ता नहीं था. ऐसे में सुरक्षा बलों की गाड़ी की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई. इस मामले की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई.
दरअसल, श्रीनगर के नौहट्टा में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष के दौरान दो युवक कथित रूप से सीआरपीएफ की गाड़ी की चपेट में आए गए थे. दोनों को सौरा के एसकेआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां कैसर भट नाम के युवक ने दम तोड़ दिया था. युवक की मौत के बाद से इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया. सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं.
ऐसे में गौतम गंभीर ने सुरक्षा बलों का पक्ष लेते हुए पत्थरबाजों की जमकर आलोचना की है. इसके साथ ही उन्होंने पत्थरबाजों या आतंकियों से कमरे में बैठकर बात करने वाले राजनेताओं को भी आड़े हाथों लिया है.
गौतम गंभीर ने इस घटना का एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो को शेयर करते हुए गौतम ने लिखा- 'मैं बहुत दुखी हूं. हैरान हूं अगर भारत अब भी यही सोचता है कि पत्थरबाजों से कमरे में बैठकर बातचीत की जा सकती है. छोड़िए ये बातें और असलियत देखिए, राजनेताओं को चाहिए कि वे सुरक्षाबलों को मौके दें ताकि सीआरपीएफ उन्हें रिजल्ट दिखाए.'
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